
स्लीप एपनिया अर्थात सोते समय सांस लेने में रुकावट आना। यह एक ऐसे बीमारी है जिसमे व्यक्ति की सांस नींद में ही रुक जाती है और उन्हें पता भी नहीं चलता है। नींद में सांस रुकने की यह तकलीफ कुछ सेकंड्स से लेकर 1 मिनट तक हो सकती है। स्लीप एपनिया से ग्रस्त लोग अधिकतर जोर से खराटे लेते है लेकिन हर कोई खराटे लेना वाला व्यक्ति स्लीप एपिनिया बीमारी से ग्रस्त नहीं रहता है। इस बीमारी में सांस लेने वाली नली के ऊपरी मार्ग में रुकावट होने की वजह से वायु का प्रवाह सही से नहीं होता है। यदि रोगी के सांस लेने में रुकावट देर तक रहती है तो खून में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है।
विभिन्न प्रकार के उपाय को अपनाकर स्लीप एपनिया का इलाज किया जा सकता है
1. सीपीएपी मशीन का प्रयोग करने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती यह स्लीप एपनिया के इलाज के लिए आवश्यक होती है।
2. स्लीप एपनिया से ग्रस्त रोगी के लिए सोते समय टंग रिटेनिंग और माउथपिस का प्रयोग करने की सलाह देते है। यह सांस लेने वाली नली के उपरी वायु मार्ग में आने वाली रुकावट को कम करने व खोलने में मदद करता है।
3. डॉक्टर की सलाह पर मुंह और जीभ की थेरेपी मांसपेशियों को मजबूत करती है। यह थैरेपी स्लीप एपनिया के इलाज के लिए कारगर साबित होती है।
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